24 सितंबर की शाम यादगार थी। दिल्ली के हिंदी भवन में एक सामाजिक संस्था 'अंजना' ने अपने सालाना साहित्यिक कार्यक्रम के दौरान पांच युवा रचनाकारों को सम्मानित किया। तीन कहानीकार विवेक मिश्र, मनीषा कुलश्रेष्ठ और दो कवि विपिन चौधरी, निखिल आनंद गिरि (यानी मैं)। दिल्ली में किसी मंच पर कविताओं के लिए सम्मान लेने का ये पहला मौका था। अच्छा लगा। कुछ तस्वीरें बांट रहा हूं, अपने ब्लॉग के दोस्तों के लिए....आपको भी अच्छा लगेगा।
मैं, मशहूर कथाकार मैत्रेयी पुष्पा और सम्मान.. |
कविताओं के लिए दाद देतीं मैत्रेयी |
मंच पर (बाएं से) युवा आलोचक दिनेश, कथाकार मैत्रेयी पुष्पा, कथाकार और संपादक प्रेम भारद्वाज, युवा कथाकार मनीषा कुलश्रेष्ठ, युवा कथाकार अनुज |
ज़रा फोटो छप जाने दे... |
कार्यक्रम में मौजूद दर्शक..सबसे आगे मि. एंड मिसेज़ प्रेमचंद सहजवाला, जिनकी फुर्ती से उम्र का पता ही नहीं चलता.. |