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गुरुवार, 30 दिसंबर 2021

गूगल पीढ़ी के बच्चे

इस साल की आखिरी पोस्ट एक बाल कविता जो लोई के स्कूल में सुनाने के लिए लिखी थी।

हम गूगल पीढी के बच्चे हैं

डिजिटल जेनेरेशन के बच्चे। 

बागों में कभी फूल न देखा
असली वाला स्कूल न देखा
होमवर्क पर सॉफ्टी मिलती
टीचर इतनी कूल न देखा
हम गूगल पीढ़ी के....

व्हाट्सऐप पर होमवर्क करते
गूगल मीट पर क्लास
हैंड रेज़ कर परमिशन लेते
सूसू लगे या प्यास
हम गूगल पीढ़ी...

गूगल अंकल क्लोज़ रिलेटिव
यूट्यूब है पहचान
टैब हमारे कुलदेवता
चार्जर में बसे प्राण
हम गूगल पीढ़ी..

Mute लगाकर मैम हमारी
कब तक क्लास लगायेंगी
PTM में पापा मम्मी को
सामने कब बिठाएंगी? 
Online को mute लगा कर
Offline जब स्कूल जाएंगे
अपनी मैम को साथ में लेकर
खूब धमा चौकड़ी मचाएंगे। 

हम गूगल पीढी के बच्चे हैं, 
डिजिटल जेनरेशन के बच्चे।

निखिल आनंद गिरि

रविवार, 23 मई 2021

हल्लो मच्छर!


मच्छर तेरे कितने घर

दादा दादी, नाना नानी
हर घर में तेरी शैतानी
पापा भी कल लेकर आए
पिंक कलर की मच्छरदानी

रात को मेरे कानों में तू
क्यूँ करता है बकर बकर
मच्छर तेरे कितने घर.. 


क्या तू पूरे दिन सोता है
छुट्टी का दिन कब होता है? 
ये सब बिल्कुल नहीं चलेगा
चल मेरे स्कूल चलेगा, 

मेरी मैम बहुत अच्छी हैं, 
देख तू उनसे बिल्कुल मत डर
मच्छर तेरे कितने घर..

निखिल आनंद गिरि

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