HUNGER STRIKE लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
HUNGER STRIKE लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

सोमवार, 9 मई 2011

एक साल की क़ीमत तुम क्या जानो वीसी जी...

जामिया का मास कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट शिफ्ट में काम करना नहीं सिखाता। जामिया ये भी नहीं कहता कि आप अपने सीनियर्स को सर कहें। फिर भी वहां से लोग निकलकर उन जगहों पर नौकरी करते हैं जहां सर बोलना और शिफ्ट में नौकरी करना बहुत ज़रूरी है। ये तब की बात है जब जामिया में एक एकैडमिक अदब हुआ करता था। मुशीरुल साहब जैसे वीसी हुआ करते थे। अब का जामिया अलग दिख रहा है। इन तस्वीरों के ज़रिए। हाजिरी पूरी करवाने जैसी टुच्ची बात के लिए छात्रों को भूख हड़ताल करना पड़े और इस झुलसाने वाली गर्मी में तीन दिन भी गुज़र जाएं तो तालिबानियों का दिल भी पसीज जाए....जामिया प्रशासन का मानना है कि इन स्टूडेंट्स  को अगर पूरी हाजिरी देकर पेपर देने दिए गए तो गलत ट्रेंड शुरू हो जाएगा....मगर, ये कौन सा ट्रेंड शुरू हुआ है कि स्टूडेंट्स के हितों को देखने की ज़िम्मेदारी जिसे सौंपी गई वो उसी के दरवाज़े के बाहर मरने को बेताब हैं और कोई पूछने तक नहीं आया, सिवाय रौब दिखाने वाली पुलिस के...

वो मरेंगे तब पसीजेगा आपका दिल वीसी जी?
बैठे-बैठे ही मिलेगा सेहरा-ए-क़ातिल वीसी जी?

उनके चेहरों में ज़रा बच्चों का चेहरा देखिए....
छीनकर बच्चों का हक़ क्या होगा हासिल वीसी जी?

नब्ज़ अब भी कह रही है, हम थे असली में बीमार,
हाजिरी में क्यूं नहीं करते हैं शामिल वीसी जी ?

कंपनी तो है नहीं कि बंद हो तो ग़म नहीं...
सोचिए तो मुल्क का भी, मुस्तकबिल वीसी जी?

आप तो अकबर भी हैं, ग़ालिब भी हैं आलमपनाह...
हरकतों से लग रहे हैं कैसे जाहिल वीसी जी ?

(वीसी साहब को गुस्सा क्यों आता है, ये भी बता दें….24 घंटे लगातार भूखे-प्यासे रहने के बाद प्रदर्शन कर रहे छात्रों को धूप बर्दाश्त नहीं हुई तो उन्होंने तिरपाल लगाने की कोशिश की ताकि थोड़ी छांव मिल सके….बस, वफादार गार्ड्स अपनी नौकरी बचाने के लिए जो कर रहे हैं, वो दिख ही रहा है…कुछ दिन पहले एक ख़बर में पढ़ा था कि वीसी साहब किसी प्ले में अकबर की भूमिका कर रहे हैं….शायद वो अब तक उस मुगलिया दरबार से निकल नहीं पाए हैं…उनके इशारे पर ही जामियानगर के एसएचओ सतबीर सिंह डागर गार्ड्स के बीच हीरो बनकर आए और छात्रों को वर्दी के रौब से धमकाने लगे…..रोहित वत्स, अराहाना और तीन साथियों को कॉलर से पकड़कर पुलिस अपने साथ ले गई, लेकिन ताज्जुब ये है कि उन्हें शाही ट्रीटमेंट दिया गया…ये सबूत है कि चतुर वीसी सतर्क हैं और हर क़दम फूंक-फूंक कर रख रहे हैं…..ख़ैर, ‘आंदोलन’ जारी है और आज भी उनकी रात फुटपाथ पर ही गुज़रेगी….)

तस्वीरें यहां उपलब्ध हैं....

http://www.facebook.com/home.php#!/media/set/?set=a.10150240080502238.369562.769837237

ये पोस्ट कुछ ख़ास है

Bura Bhala Talent Hunt 2025