i love you लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
i love you लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

बुधवार, 28 सितंबर 2011

वो भी मुझको रोता है !

हम-तुम ऐसे रुठे हैं,
जैसे कि मां-बेटे हैं...

सब में तेरा हिस्सा है,
मेरे जितने हिस्से हैं...

मस्जिद भी, मैखाना भी,
तेरी दोनों आंखें हैं...

मंज़िल भी अब भरम लगे,
बरसों ऐसे भटके हैं...

अब जाकर तू आया है,
मुट्ठी भर ही सांसे हैं...

नींद से अक्सर उठ-उठ कर,
ख़्वाब का रस्ता तकते हैं...

वो भी मुझको रोता है !
सब कहने की बातें हैं..

हर शै में तू दिखता है,
तेरे कितने चेहरे हैं?

सागर कितना खारा है
अच्छा है हम प्यासे हैं...
निखिल आनंद गिरि

ये पोस्ट कुछ ख़ास है

नन्हें नानक के लिए डायरी

जो घर में सबसे छोटा होता है, असल में उसका क़द घर में सबसे बड़ा होता है। जैसे सबसे छोटा बच्चा पूरे घर की धुरी होता है। ये पोस्ट मेरे दो साल के...