जब तक जिस्म मिलते रहे, दिल भी मिलते रहे। प्यार के इतने तरीकों में ये तरीका दुनिया भर में सबसे प्रचलित रहा। जब तक दुनिया चली, चांद उगता रहा। किसी बादशाह की तरह। इंसान को लगा कि वो एक दिन लिफ्ट से चढ़कर अपनी सबसे ऊंची इमारत की छत से चांद को छू लेगा। मगर, चांद पूरे आसमान में एक भ्रम की तरह फैला रहा। इंसान भ्रम में जीते रहे और मोहब्बत करते रहे। उसके नाखून में अभी तक रंग अटके पड़े थे। उसके दिमाग में वो रंग चढ़ गया था। उसने दांतों से नाखून कुतरने शुरु कर दिए। उसे लगा कि इस वक्त को कुतरकर वो सभी रंगों से छुटकारा पा लेगा। मगर इस रंग से उसे मोहब्बत हो गई थी। उसे वक्त से कोई मोहब्बत नहीं थी, मगर वक्त उसके बस में नहीं था। वक्त एक फुटबॉल की तरह इधर से उधर लुढ़कता रहता और इंसानों का भ्रम बना रहा कि वो दुनिया के सबसे अच्छे खिलाड़ी हैं।
उसने कमरे की सभी बत्तियां बुझा दी थीं। उसे लगा कि सारी दुनिया सो गई है और अगर वो ज़ोर से चीखे तो शायद ये आवाज़ चांद तक चली जाएगी। इस चांद के रास्ते में उसका घर भी आता था। उसने सोचा कि सोते में किसी को जगाना अच्छी बात नहीं। उसने चीखने का विचार छोड़ दिया। उसकी आंखों में नींद नहीं थी। उसे शायद रोना था, मगर वो रोना भूल गया था। उसे जागने की आदत थी, मगर आज वो सो जाना चाहता था। चांद की रोशनी खिड़की से भीतर आ रही थी। उसे लगा कि चांद ने दुनिया भर की नींद चुरा ली है। उसे चांदनी में नींद नज़र आई और यही वो वक्त था जब उसे मर जाना सबसे अच्छा लगा। सुबह चांद कहीं नहीं था और दुनिया को भरम हुआ कि रात किसी ने चाय पीने के बहाने उसे ज़हर देकर मार दिया है।
निखिल आनंद गिरि
उसने कमरे की सभी बत्तियां बुझा दी थीं। उसे लगा कि सारी दुनिया सो गई है और अगर वो ज़ोर से चीखे तो शायद ये आवाज़ चांद तक चली जाएगी। इस चांद के रास्ते में उसका घर भी आता था। उसने सोचा कि सोते में किसी को जगाना अच्छी बात नहीं। उसने चीखने का विचार छोड़ दिया। उसकी आंखों में नींद नहीं थी। उसे शायद रोना था, मगर वो रोना भूल गया था। उसे जागने की आदत थी, मगर आज वो सो जाना चाहता था। चांद की रोशनी खिड़की से भीतर आ रही थी। उसे लगा कि चांद ने दुनिया भर की नींद चुरा ली है। उसे चांदनी में नींद नज़र आई और यही वो वक्त था जब उसे मर जाना सबसे अच्छा लगा। सुबह चांद कहीं नहीं था और दुनिया को भरम हुआ कि रात किसी ने चाय पीने के बहाने उसे ज़हर देकर मार दिया है।
निखिल आनंद गिरि