रविवार, 9 अगस्त 2015

हो ना..

एक बिंदु से शुरू होती है हर रेखा
इस तरह
रेखाओं का होना
बिंदुओं का नहीं होना नहीं होता

जैसे दीवारों का होना
ईंटों का होना भी होता है।
बारिश का होना
बहुत-सी बूंदो का होना।
धुएं का होना
आग का होना
राख का होना।
दुनिया का होना
और अंधेरे का होना
उम्मीद का होना भी होता है

इस तरह नहीं होना किसी का

सबसे ज़्यादा मौजूद होना भी होता है
निखिल आनंद गिरि

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