सोमवार, 28 मई 2007

मेरे देश की संसद मौन है....

एक आदमी रोटी बेलता है
आदमी रोटी खाता है
एक तीसरा आदमी भी है
जो न रोटी खाता है
ना रोटी बेलता है,
वह सिर्फ रोटी से खेलता है
मै पूंछता हू- यह तीसरा आदमी कौन है?
मेरे देश की संसद मौन है....

1 टिप्पणी:

इस पोस्ट पर कुछ कहिए प्लीज़

ये पोस्ट कुछ ख़ास है

एक पीठासीन अधिकारी की डायरी

" इस मुल्क ने जिस शख्स को जो काम था सौंपा उस शख्स ने उस काम की मां..च इस जला कर छोड़ दी " अख़बार में बिहार में बंपर वोटिंग की ख़बर...