पति-पत्नी अलग रहने की अर्ज़ी लिए एक साथ कोर्ट जाते हैं।
पति लंबी लाइन में आधार कार्ड लिए खड़ा हो जाता है।
पत्नी फुर्र से बच्ची को दिखाकर घुस जाती है भीतर।
श्वेत श्याम झगड़ों का अदभुत रेला है कोर्ट
चालाकियों की दुर्गंध हर तरफ़
सब अपने युद्ध के मैदान में जैसे।
अब वो पति-पत्नी नहीं हैं
अपने वकीलों के पास ज़ुबान गिरवी रख गूँगे दुश्मन सिर्फ
सामने हैं जज
बीच में है बच्ची।
कभी माँ को देखती है कि लौटेगी यहाँ से तो फेवरेट मैगी बनायेगी
फिर देखती है पिता को
और चुपके माँ के बैग से निकालकर देती है पानी की बोतल
धीरे से कहती है कान में-
"पी लीजिए, सीधा ऑफिस जाना है आपको"
माँ लगाती है तीन चांटे बड़बड़ाते हुए-
'बड़ा प्यार दिखा रही है यहाँ पर'
और खींचकर हाथ चल देती है।
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