रविवार, 17 जून 2018

ज़ी न्यूज़ ने बीजेपी को देश समझ लिया है

असली कविता वही है जो सरकारी चुनाव प्रचार के काम आ जाये। ज़ी न्यूज़ ने अभी से ही 'कवि युद्ध-2019' शुरू कर दिया है। फ को 'फ़' बोलने वाली अंतराष्ट्रीय कवियत्री अनामिका अम्बर जब नरेंद्र मोदी को फूल कहती हैं तो समझ ही नहीं आता कि तारीफ कर रही हैं या विरोध। सुदीप भोला ने कविता के नाम पर अमित शाह को 'शहंशाह' बनाकर फ़िल्मी पैरोडी पेश की है - 'एक मसीहा निकलता है, जिसे लोग अमित शाह कहते हैं'। पीछे कुछ प्रमुख पार्टियों के नेताओं के कट आउट्स खड़े हैं। सिर्फ बीजेपी के दो नेताओं (मोदी-शाह) को जगह मिली है, बाक़ी पार्टियों के एक नेता हैं। बल्कि बीजेपी का मनोज तिवारी तो 'शेरा' बनियान पहनकर 'कवि युद्ध' के ग्राफ़िक्स के सहारे बाहर से भी नम्बर बढ़ा रहा है।इन सबके बाद एक कविता में तो ये कवि 'बुद्धिजीवी' होने का भी मज़ाक बना रहे हैं। 

हे ईश्वर! इन्हें माफ करना, ये नहीं जानते ये क्या कर रहे हैं।

धूमिल, आप ठीक कहते थे -
'वे सब के सब तिजोरियों के
दुभाषिये हैं
वे वकील हैं,वैज्ञानिक हैं।
अध्यापक हैं, नेता हैं, दार्शनिक हैं
लेखक हैं, कवि हैं, कलाकार हैं।
यानी कि- कानून की भाषा बोलता हुआ
अपराधियों का एक संयुक्त परिवार है।'

निखिल आनंद गिरि

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