बुधवार, 1 जनवरी 2014

खस्ताहाल मुबारक हो..

आम आदमी के सिर पर,
बत्ती लाल मुबारक हो..
फेंकू-पप्पू के दंगल में,
केजरीवाल मुबारक हो..
आसाराम मुबारक हो,
तेजपाल मुबारक हो..
यूपी तुझको सालों साल,
खस्ताहाल मुबारक हो..
प्रजातंत्र की थाली में..
काली दाल मुबारक हो..
दिल की जलती बस्ती को,
और पुआल मुबारक हो..
हो ना हो, मगर फिर भी..
नया ये साल मुबारक हो..

निखिल आनंद गिरि

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