मैंने सब जुर्म याद रखे हैं...
मैंने सब कटघरे सजाए हैं...
कोई तो आए, सज़ा दे मुझको...
लोग कहते हैं अजब पूनम है...
चांद सूजा हुआ-सा लगता है...
तुमने फिर नींद की गोली ली क्या?
मैंने दुनिया से कुछ कहा भी नहीं
जाने क्या उसने सुना, रुठ गया...
वो मेरी चुप्पियां भी सुनता था...
देखो ना रिस रहा है आंखो से
एक रिश्ता कोई हौले-हौले
कोई 'चश्मा' भी नहीं आखों में !!
मैंने हर खिड़की खुली रखी है..
कोई परवाज़ भरे, लौट आए...
कल से हड़ताल है उड़ानों की...
मैं बुरा हूं तो मैं बुरा ही सही
आप अच्छे हैं, मगर भूल गए...
हमने बदले थे आईने कभी...
सारे आंसू नए, मुस्कान नई
ज़िंदगी में नया-नया सब कुछ..
बस कि गुम हैं पुराने कंधे...
होंठ सिलकर ज़बान की तह में
मैंने एक सच छिपाए रखा था
रात उसने ली आखिरी सांसे...
एक दिन ऐसे टूट कर रोये,
गुमशुदा हो गया ख़ुदा मेरा...
हम भी आंखों में ख़ुदा रखते थे...
निखिल आनंद गिरि
मैंने सब कटघरे सजाए हैं...
कोई तो आए, सज़ा दे मुझको...
लोग कहते हैं अजब पूनम है...
चांद सूजा हुआ-सा लगता है...
तुमने फिर नींद की गोली ली क्या?
मैंने दुनिया से कुछ कहा भी नहीं
जाने क्या उसने सुना, रुठ गया...
वो मेरी चुप्पियां भी सुनता था...
देखो ना रिस रहा है आंखो से
एक रिश्ता कोई हौले-हौले
कोई 'चश्मा' भी नहीं आखों में !!
मैंने हर खिड़की खुली रखी है..
कोई परवाज़ भरे, लौट आए...
कल से हड़ताल है उड़ानों की...
मैं बुरा हूं तो मैं बुरा ही सही
आप अच्छे हैं, मगर भूल गए...
हमने बदले थे आईने कभी...
सारे आंसू नए, मुस्कान नई
ज़िंदगी में नया-नया सब कुछ..
बस कि गुम हैं पुराने कंधे...
होंठ सिलकर ज़बान की तह में
मैंने एक सच छिपाए रखा था
रात उसने ली आखिरी सांसे...
एक दिन ऐसे टूट कर रोये,
गुमशुदा हो गया ख़ुदा मेरा...
हम भी आंखों में ख़ुदा रखते थे...
निखिल आनंद गिरि
भावपूर्ण कविता के लिए आभार...
जवाब देंहटाएंसारे आंसू नए, मुस्कान नई
जवाब देंहटाएंज़िंदगी में नया-नया सब कुछ..
बस कि गुम हैं पुराने कंधे...
बहुत बढ़िया तुम्हारा लिखा हमेशा ही बहुत सच के करीब होता है .सबसे अच्छी लगी यह पंक्तियाँ
मैं बुरा हूं तो मैं बुरा ही सही
जवाब देंहटाएंआप अच्छे हैं, मगर भूल गए...
हमने बदले थे आईने कभी...वाह ... अरसे बाद पढ़ा , लिंक ही खो गया था मुझसे
101….सुपर फ़ास्ट महाबुलेटिन एक्सप्रेस ..राईट टाईम पर आ रही है
जवाब देंहटाएंएक डिब्बा आपका भी है देख सकते हैं इस टिप्पणी को क्लिक करें
Behatreen rachna....
जवाब देंहटाएंबहुत ही गहन भाव लिए उत्कृष्ट लेखन ।
जवाब देंहटाएंये तो त्रिवेणियों का एक समूह सा लग रहा है। हर त्रिवेणी अपने आप में पूर्ण है। और कई तो बहुत सुंदर अर्थ देती.. नायाब..
जवाब देंहटाएंwonderful...
जवाब देंहटाएंआपकी कविता ने अनेक अनुभवों के आयाम छुए हैं। बहुत सुन्दर।
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