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फ़िक्र

प्रेम से सराबोर मेरी फिक्र  तेरा पीछा करती रही दिन, रात, सुबह, शाम हर घड़ी, हर मौसम सालों से सदियों तलक..  शहर दर शहर घर, गली-कूचे, मोहल्ले ...