tag:blogger.com,1999:blog-3985184180350538398.post168252532259453010..comments2024-01-29T13:49:43.930+05:30Comments on आपबीती: रोटियों के नक्शे बिगड़ जाते होंगेNikhilhttp://www.blogger.com/profile/16903955620342983507noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-3985184180350538398.post-80150401905597430332011-02-17T00:11:17.158+05:302011-02-17T00:11:17.158+05:30छा गए यार छा गए...छा गए यार छा गए...Vivek Vashisthahttps://www.blogger.com/profile/11704600681398271222noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3985184180350538398.post-77114874957906234652011-02-15T21:22:08.907+05:302011-02-15T21:22:08.907+05:30कितनी सादगी से बिना किसी भारी भरकम शब्द का प्रयोग ...कितनी सादगी से बिना किसी भारी भरकम शब्द का प्रयोग किये कितनी ख़ूबसूरती से सब कह दिया निखिल जी... वाह !! ...<br />किस किस लाइन की तारीफ़ करूँ... पूरी नज़्म ही कोट करने लायक है... दिल ख़ुश हो गया पढ़ कर... :)<br /><br /><b>ये सरासर ग़लत है कि,<br />कवि,शायर या चित्रकार ही,<br />प्यार की बेहतर समझ रखते हैं.....<br /><br />दरअसल,<br />जिसके पास मीठी उपमाएं नहीं होतीं<br />वो भी कर रहा होता है प्यार,<br />चुपके-चपके....</b><br /><br />उफ़... उफ़... उफ़... !!!richahttps://www.blogger.com/profile/17341853830091317236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3985184180350538398.post-25723150528188866362011-02-15T15:36:59.282+05:302011-02-15T15:36:59.282+05:30वाह! क्या ओब्सेर्वेशन है ......
अक्सर याद करती हों...वाह! क्या ओब्सेर्वेशन है ......<br />अक्सर याद करती होंगी चेहरा,<br />तो रोटियों के नक्शे बिगड़ जाते होंगे...<br /><br />अनजाने में पुकारते होंगे कोई ऐसा नाम,<br />जो शुरु नहीं होता,<br />मां के पहले अक्षर से....<br /><br />ये सरासर ग़लत है कि,<br />कवि,शायर या चित्रकार ही,<br />प्यार की बेहतर समझ रखते हैं.....<br /><br />जों कोई पर्यायवाची होता हमारे पास तो ठोक देते यहाँ ..... खुश होकर जा रहें है .....इतना तो काफी होगा नाप्रियाhttps://www.blogger.com/profile/04663779807108466146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3985184180350538398.post-85812970994576452252011-02-15T11:57:27.846+05:302011-02-15T11:57:27.846+05:30शानदार.................बेमिसाल !!!!!!
esp this on...शानदार.................बेमिसाल !!!!!!<br /><br />esp this one.....<br /><br />दरअसल,<br />जिसके पास मीठी उपमाएं नहीं होतीं<br />वो भी कर रहा होता है प्यार,<br />चुपके-चपके....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3985184180350538398.post-74092476312580432892011-02-14T14:36:51.788+05:302011-02-14T14:36:51.788+05:30सच कहा प्यार शब्दो का मोहताज़ नही होता…………एक बेहतरी...सच कहा प्यार शब्दो का मोहताज़ नही होता…………एक बेहतरीन प्रस्तुति।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3985184180350538398.post-24944915466797814232011-02-14T12:23:03.085+05:302011-02-14T12:23:03.085+05:30ये भी संभव है कि,
अनपढ़ मांएं या बेबस बहनें,
अक्स...ये भी संभव है कि, <br />अनपढ़ मांएं या बेबस बहनें,<br />अक्सर याद करती होंगी चेहरा,<br />तो रोटियों के नक्शे बिगड़ जाते होंगे...<br /><br />या फिर दाढ़ी बनाते पिता ही,<br />पानी या तौलिया मांगते वक्त,<br />अनजाने में पुकारते होंगे कोई ऐसा नाम,<br />जो शुरु नहीं होता, <br />मां के पहले अक्षर से....<br /><br /><br />ये सरासर ग़लत है कि,<br />कवि,शायर या चित्रकार ही,<br />प्यार की बेहतर समझ रखते हैं.....<br /><br />दरअसल, <br />जिसके पास मीठी उपमाएं नहीं होतीं<br />वो भी कर रहा होता है प्यार,<br />चुपके-चपके.... <br /><br />Love U Man. Love uसागरhttps://www.blogger.com/profile/13742050198890044426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3985184180350538398.post-52629874544098716282011-02-14T09:54:24.748+05:302011-02-14T09:54:24.748+05:30यार निखिल, कमाल लिखा है। आज शायद पहली बार आया यहां...यार निखिल, कमाल लिखा है। आज शायद पहली बार आया यहां...नाइट शिफ़्ट में वेलेंटाइन से जुड़े तमाम पैकेजेस के पकाऊ वीओ सुनने के बाद एक बेहतरीन नज़्म पढ़कर दिल खुश हो गया। जज़्बातों का समंदर बह निकला...बधाई ! कभी मेरी गली भी आओ..Prabuddhahttps://www.blogger.com/profile/16878548224383543229noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3985184180350538398.post-42226262535878979832011-02-14T09:36:19.730+05:302011-02-14T09:36:19.730+05:30Loved the Simplicity....;)
Keep writing will wait...Loved the Simplicity....;)<br /><br />Keep writing will wait for ur new write up..<br />Good Luck...;)Saiamhttps://www.blogger.com/profile/10840043834555569145noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3985184180350538398.post-75277745771708160072011-02-14T09:30:31.396+05:302011-02-14T09:30:31.396+05:30a perfect treat for this day...!
bohot bohot khoo...a perfect treat for this day...!<br /><br />bohot bohot khoobsurat nazm...as usual....saari baatein bohot kamaal ki...toooo good !Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3985184180350538398.post-1413176766016581962011-02-14T08:26:45.303+05:302011-02-14T08:26:45.303+05:30जीवन में प्रेम कितना सहज और सरल है.. कितना व्याप्त...जीवन में प्रेम कितना सहज और सरल है.. कितना व्याप्त है.. बिना इजहार और इकरार के... किन किन आयामों में.. उसे आपकी कविता से समझा जा सकता है... खास तौर पर आज के 'लव यू ' संस्कृति के सापेक्ष आपने अनाभिव्यक्त प्रेम को खड़ा किया है.. सुन्दर कविता.. आज सो काल्ड प्रेम दिवस पर इस से सुन्दर कविता शायद ही पढ़ पाऊं...अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.com